Feel Euphoria

कर जतन हो सकेगा और तेरा ही होगा,
हाथ की लकीरे तो रह गई मुडी हुई,
मन तेरा गर सधा रहा तो,
जनम ये सफल होगा;

खोल कर मन का पिटारा स्वीकार कर द्वंद सारा,
उफन पड़ेगा शायद बह भी जाए,
इन आँखों के रस्ते, ....बहने दे पर,
फिर जीवन सरल होगा;

चलूं ही क्यों इतना बोझ लेकर,
जो ढोते कई और है, ढोने दो ,
मेरा क्या मैं तो ख़ुद एक बादल हूँ ,
गरजकर भलें ही बरसू...
पर रंग अब धवल होगा;

सोचने पर जो अभी अच्छा लगे,
बाद में कभी मन छलेगा,
मन तो बने बिगडे,
ज्ञान चक्षु हो तो, निर्णय अभी सरल होगा;

संकट में तो सब सोचे ,
मेरा चिंतन अनवरत रहे,
जब ऐसा मंथन रहा तो ,
सर्वत्र सदैव परम होगा ।

..पारस